“नहीं, सिर्फ मांस, मुझे खरगोश चाहिए, खरगोश का खाना नहीं।”
वान ने दो चॉप आग पर से उतारे, उनमें से एक हेंग के लिए प्लेट पर रखा, और यह उसे दे दिया।
“यह लो, पा, लेकिन यह मुझे अब भी बहुत अधिक खूनी लग रहा है। तुम हमेशा अपना मांस हम लोगों की तरह अच्छी तरह पका कर खाना पसंद करते हो।”
हेंग ने प्लेट ले ली, इसे अपनी नाक के पास ले गया, और सूंघा, उसकी नाक खरगोश की तरह फड़क रही थी। फिर उसने प्लेट अपनी गोद में रख ली, छोटे से चॉप को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और उसे फिर अपनी नाक के पास ले गया।
“बढ़िया।” उसने कहा, “थोड़ा ज़्यादा पक गया है, लेकिन बहुत अच्छा।”
हेंग ने ध्यान नहीं दिया कि जब उसने मांस का एक छोटा सा टुकड़ा काटा और सपने सामने के दांतों से उसे चबा रहा था, तब हर कोई उसकी एक एक हरकत पर नज़र रख रहा था। कम से कम वान को उम्मीद थी कि वह मांस का पूरा एक चक्र एक बार में लेगा। फिर उसने चॉप को एक हाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ से इस पर से मांस के छोटे छोटे टुकड़े अलग करने लगा। जब उसे अंदर ज़रा सा खूनी भाग मिला, वह उसे अपने होंठों पर रख कर चूसने लगा।
उसके परिवार ने अत्यधिक आश्चर्य से एक दूसरे को देखा, क्योंकि उसकी लाल और गुलाबी आँखें मांस को एक बाज़ की तरह देख रही थीं।
“क्या कोई परेशानी है?” उसने शीघ्रता से गर्दन को एक ओर झुका कर अपनी बीवी की तरफ देखते हुए पूछा।
“नहीं, हेंग, कोई परेशानी नहीं है। तुम्हें दोबारा ठोस खाना खाते हुए देख कर कितनी खुशी हो रही है, बस। हम तुम्हारे लिए बहुत खुश हैं, बस। है ना, हर कोई?”
“हाँ,” उन सब ने एक स्वर में स्वीकार किया, लेकिन डा की अपनी आशंकाएँ थीं, हालांकि वह उन्हें इस मूल्यवान क्षण में ज़ाहिर नहीं करना चाहती थी।
“बढ़िया! तो फिर ठीक है,” हेंग ने कहा और फिर से स्पष्ट आनंद के साथ अपने खाने में से चुगने लगा।
आधा दर्जन वर्ग इंच मांस के टुकड़ों को समाप्त करने में हेंग को पूरे तीस मिनट लगे, और फिर वह हड़ियों पर टूटा, जिन्हें उसने नोच नोच कर साफ किया, और फिर चूस चूस कर सूखा दिया। दूसरों को अपने स्वयं के खाने पर ध्यान देना बिलकुल असंभव लग रहा था, जिस का परिणाम यह हुआ कि हंडा उबल उबल के सूख गया और मांस कई बार जल गया, तो उनका खाना अधिकतर खराब हो गया, हालांकि खाना बर्बाद न करने की गरज से उन्होंने उसे किसी तरह खा लिया।
जब उसने पहला चॉप समाप्त किया, हेंग ने अपने हाथ के पिछले हिस्से से अपना मुंह पोंछा और फिर उसे चाट कर और चूस कर साफ किया। उसे देख कर कोई भी देखने वाला यही सोचता कि हेंग नज़रबंदी शिविर में केवल रोटी और पानी पर बरसों के एकांत कारावास की सज़ा काट कर वापस आया होगा। उनमें से किसी ने कभी भी किसी को इतने स्पष्ट तौर से अपने खाने को इतना मज़ा ले कर खाते कभी नहीं देखा होगा।
“क्या अब आपको दूसरी चाहिए, पा?” डिन ने पूछा।
हेंग ने अपने कंधों में लिपटी हुई चादर को पकड़ा और खुद को आराम देने के लिए उसको एक झटके से फटकारा और डेन ने प्लेट को उसकी गोद से नीचे गिरने से बचाया।
“हम पहले इसके नीचे जाने का इंतज़ार करेंगे,” हेंग ने कहा, “और फिर थोड़ा और खाएँगे। बहुत बढ़िया खाना। हेंग को बहुत पसंद आया।”
डेन ने अपनी माँ की ओर देखा और वह जानती थी कि उसका अर्थ क्या है। हेंग टूटी-फूटी थाई बोल रहा था और किसी ने कभी उसे इतना बुरा बोलते नहीं सुना था, हालांकि उसकी थाई कभी भी बहुत अच्छी नहीं थी, क्योंकि उसके माता-पिता चीनी थे।
जबकि वे लोग अपने स्वयं के भोजन को समाप्त कर रहे थे, और हेंग फिर से स्थिर हो गया था, उसकी दिशा से एक दबा दबा सा धमाका सुनाई दिया। हर कोई जानता था कि क्या हुआ था, लेकिन विनम्र होने के नाते, सभी ने बहाना किया कि उन्होंने यह नहीं सुना। फिर एक और, और एक भयानक गंध।
केवल वान और डा ने हेंग की ओर देखने की हिम्मत की, जो अपने काले चश्मे के पीछे चौड़ी मुस्कुराहट छिपाए था।
डेन मुंह दबा कर हंसने लगा। पहले चुपचाप, लेकिन वह अपनी हंसी रोक नहीं सका और डिन को उसकी हंसी का संक्रमण लग गया।
“चुप रहो, बच्चों! तुम्हारे पिता का इस पर बस नहीं है। वह बीमार हैं,” वान ने कहा, “ठोस खाना उसमें से सीधे गुज़र गया।”
हालाँकि, डेन और डिन खुद पर नियंत्रण नहीं कर सके। हेंग बस अपने चेहरे पर एक संतुष्ट मुस्कराहट लिए बैठा था। कुछ मिनट बाद भी जब गंध कम नहीं हुई, वान ने डेन से बात की:
“क्या तुम अपने पिता को शौचालय ले जाओगे, डेन, ताकि वे खुद को साफ कर सकें? अगर कुछ परेशानी हो तो सिर्फ चिल्ला देना, मैं उसकी सहायता के लिए आ जाऊँगी।”
“हेंग, अपनी पैंट को गंदे कपड़ों की टोकरी में डाल देना, मैं उन्हें कल छांट लूँगी।”
जब वे चले गए तब वान ने कहा:
“हे भगवान, हे मेरे भगवान, आपने उसे क्या बना दिया है, बुआ डा?”
“अजीब है, है ना? लेकिन हेंग का बर्ताव मुझे एक चिड़िया की याद दिलाता है। मैं बिलकुल यकीन से तो नहीं कह सकती हूँ, लेकिन जैसे वह वहाँ बैठा था, चिड़िया की तरह, और जैसे उसने खाया और फिर खाने के बाद मलत्याग किया…..ऐसा चिड़ियाँ करती हैं – मैं मानती हूँ कि कई जानवर भी करते हैं, लेकिन तुम अपने आँगन में मुर्गियों को देखते हो। मेरे दिमाग से यह नहीं निकल सकता कि वह चॉप खाने के बाद अपनी चादर और चश्मे में वहां बैठा था।”
“तो, आपको नहीं लगता कि वह असंयमी है? मैं अपने बिस्तर को लेकर थोड़ी चिंतित हूं… हमने कुछ हफ्ते पहले ही एक नया गद्दा खरीदा था… यह शर्म की बात होगी, है ना? क्या आपको लगता है कि जब तक हमें यकीन नहीं हो जाता, तब तक उसे खलिहान में रखना सही होगा।”
“नहीं, चिंता मत करो! यहां तक कि पक्षी भी अपने स्वयं के घोंसले को गंदा नहीं करते हैं, हालांकि जब तक कि हम बेहतर नहीं समझते कि क्या हो रहा है… तुम्हें उसे लंगोट पहनाना चाहिए…. या अगर यह जारी रहता है तो डाइपर, लेकिन उन्हें लेने के लिए तुम्हें शहर जाना होगा।”
जब हेंग डेन के साथ वापस लौटा, तो वह थोड़ा पस्त और थोड़ा शर्मिंदा भी दिख रहा था।
“क्या तुम ठीक हो, हेंग?” उसकी पत्नी ने पूछा।
“हाँ, दुर्घटना, चिंता मत करो। कोई समस्या नहीं है। अब आज और नहीं। अब सो जाओ।”
“हाँ, अच्छा विचार है। बुआ डा, उसके मिल्कशेक का क्या?”
“मुझे वास्तव में लगता है कि उसे सोने से पहले थोड़ा पीना चाहिए। अपने नए बिस्तर के बारे में चिंता मत करो, वह इतना जल्दी गंदा नहीं होगा, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि वह आज रात करेगा, लेकिन अगर मैं उसके साथ एक घर में रहती होती, तो मैं नहीं चाहती कि वह रात के बीच में उठकर खाने के लिए कुछ ढूंढे।”
“नहीं, आप शायद सही हैं। डेन, बस एक मिनट अपने पिता को टेबल के किनारे पर बैठाओ। डिन, क्या उस मिल्कशेक का एक गिलास ले आओगी, प्लीज़? “
जब उसने वह गुटक लिया और कोई संदिग्ध शोर या बदबू नहीं आई, तो वान ने बच्चों से कहा कि वे अपने पिता को बिस्तर पर ले जाएं।
“मैं जल्द ही आ कर देखूँगी कि क्या वह ठीक है, लेकिन मुझे लगता है कि वह अब सो जाएगा।”
“अच्छा, अच्छा। अच्छा, बुआ डा, क्या करना है, हैं? अब हमें घर में एक पक्षी-मानव मिल गया है! आप उसके बारे में क्या सोचती हैं? “
“अभी मैं यकीन के साथ कुछ नहीं कह सकती, वान, लेकिन तुम जानती हो, तुम्हारा मज़ाक सच के काफी निकट हो सकता है। हम केवल इंतज़ार ही कर सकते हैं।”
“चलो देखते हैं कि क्या वह सर्दियों की शुरुआत में दक्षिण की ओर प्रवास करता है या नहीं।”
वान को यकीन नहीं था कि डा मजाक कर रही थी या सच कह रही थी, इसलिए उसने एक अर्ध-मुस्कुराहट दी जिसकी उसे अगम्य होने की उम्मीद थी, लेकिन वास्तव में वह जानती थी कि यह बुआ डा, ओझा के लिए नहीं थी।
वह चिंतित थी, लेकिन इन परिस्थितियों में कौन न होता?