“हाँ, मैं जानती हूँ, नर्म रगड़ाहट से तुम्हारा क्या मतलब है। अगर ऐसा है, तो तुम अपने अंकल से ऐसा करने को क्यों नहीं कहते? एक जवान औरत का चुनाव क्यों करना?”
“तुम जानती हो कि क्यों, मुझे अपने ऊपर आदमियों के हाथ नहीं पसंद हैं, मैं यह पहले भी कह चुका हूँ, लेकिन ठीक है, अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगता तो मैं मालिश नहीं कराऊंगा।”
“देखो, मैं यह नहीं कह रही कि तुम नहीं जा सकते! और अगर तुम जाना ही चाहते हो तो मैं तुम को किसी तरह रोक नहीं पाऊँगी! हालांकि, जैसा तुम ने कहा, लोग कहते हैं कि वह थोड़ी कठोर है, तो वह फायदे से अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। मैं समझती हूँ कि वहाँ न जाना बुद्धिमानी होगी, जब तक हम तुम्हारी बुआ से कारण न जान लें, बस।”
“हाँ, ठीक है। शायद तुम ठीक कह रही हो। तुम ने बताया नहीं कि बच्चे कहाँ हैं?”
“मुझे सच में नहीं पता है, मुझे लगता है कि अब तक उन्हें वापस आ जाना चाहिए था….वे सप्ताहांत पर एक साथ किसी जन्मदिन की पार्टी में गए थे।”
ली के दो बच्चे थे, प्रत्येक का एक, और वे खुद को उनके लिए भाग्यशाली मानते थे, क्योंकि उनके बेटे के गर्भ में आने से पहले वे 10 साल तक गर्भाधान के लिए प्रयास करते रहे थे। वे अब बीस और सोलह साल के थे, तो श्री और श्रीमती ली ने अन्य बच्चों की उम्मीद पहले ही छोड़ दी थी।
उन्होंने काफी पहले ही प्रयास करना भी बंद कर दिया था।
हालांकि वे अच्छे, आदर करने वाले और आज्ञाकारी बच्चे थे और उन्होंने अपने माता पिता को गर्व महसूस कराया था, या कम से कम जो उनके माता-पिता उनके बारे में जानते थे, उसपर वे गर्व करते थे, क्योंकि वे भी अन्य शिष्ट बच्चों की तरह ही थे: नव्वे प्रतिशत अच्छे, लेकिन उत्पात भी कर सकते थे, और उनके गुप्त विचार भी थे, जिन्हें वह जानते थे कि उनके माता-पिता कभी स्वीकृत नहीं करेंगे।
कुमार ली, बेटा, डेन या छोटा ली, अभी अभी बीस वर्ष का हुआ था, और उसे स्कूल से निकले अभी दो साल हुए थे। वह अपनी बहन को पसंद करता था, उसका बचपन खुशहाल रहा था, लेकिन यह हक़ीक़त उस पर सुबह की तरह ज़ाहिर थी कि उसके पिता ने उसके लिए एक बहुत ही मुश्किल जीवन की योजना बनाई थी, ऐसा नहीं था कि उसने जीवन भर स्कूल के पहले और बाद में भी काम नहीं किया था। हालांकि, फुटबॉल और टेबल टेनिस के लिए वह समय निकाल लेता था और तब स्कूल में लड़कियां नाचती थीं।
यह अब समाप्त हो गया था और कभी-कभी उसके जीवन में यौनसंसर्ग की संभावनाएं बनी थीं। ऐसा नहीं था कि इस बारे में डींगें मारने के लिए बहुत कुछ था, सिर्फ कभी कोई चुंबन और यहां तक कि कभी-कभी एक दूसरे को टटोल लेना, लेकिन अब लगभग दो साल से वह भी नहीं था। अगर डेन को ज़रा भी अंदाज़ा होता कि वहाँ जा कर क्या करना है, तो वह तुरंत ही किसी शहर की ओर चला गया होता, लेकिन अक्सर सेक्स करने के अलावा उसकी और कोई भी महत्वाकांक्षा नहीं थी।
उसके हॉरमोन उसके अंदर इस हद तक तूफान उठाए थे कि कभी-कभी उसे बकरियाँ भी बहुत आकर्षक लगती थीं, उसकी चिंताओं का कोई अंत नहीं था।
अपने अंदर गहराई में कहीं उसे महसूस होता था कि यदि उसे किसी औरत से नियमित रिश्ता रखना है तो उसे शादी करनी पड़ेगी।
शादी, बच्चे पैदा करने की कीमत पर भी उसे आकर्षक लगने लगी थी।
कुमारी ली, जिसे अक्सर डिन के नाम से जाना जाता था, सोलह साल की बहुत ही प्यारी लड़की थी। जिसने गर्मियों में स्कूल छोड़ा था, उसने अपने भाई से दो साल कम पढ़ाई की थी, जो उनके क्षेत्र में काफी सामान्य बात थी। इसलिए नहीं कि उसका दिमाग कम उज्ज्वल था, बल्कि इसलिए कि माता-पिता और लड़की, दोनों मानते थे, कि वह अपना परिवार जितनी जल्दी शुरू करेगी, उतना ही अच्छा होगा। लड़की के लिए बीस वर्ष से कम उम्र में पति मिलना उम्र अधिक हो जाने की बनिस्बत आसान भी होता था। डिन ने अपनी माँ की आशंकाओं के बावजूद इस पारंपरिक ज्ञान को बिना कोई सवाल किए स्वीकार कर लिया था।
उसने भी अपने पूरे जीवन में स्कूल के पहले और बाद में काम किया था और संभवतः वह अपने भाई से अधिक मेहनती थी, हालांकि उसने कभी भी इस का एहसास नहीं किया, क्योंकि आसपास की हर जगह लड़कियां वस्तुतः बंधुआ मजदूर थीं।
हालांकि डिन की कुछ कल्पनाएँ थीं। वह रोमांटिक रिश्तों का सपना देखती थी, जिनमें उसका प्रेमी उसे भगा कर बैंकॉक ले जाता था, जहां वह डॉक्टर बन जाता था और वह अपनी सहेलियों के साथ पूरा दिन शॉपिंग में बिताती थी। उसके हॉरमोन भी उसे परेशान कर रहे थे, लेकिन उसकी स्थानीय संस्कृति उसे खुद से भी यह स्वीकार करने से रोकती थी। उसका पिता, भाई और यहाँ तक कि माँ भी अगर परिवार के बाहर के किसी भी लड़के से उसे मुसकुराते हुए भी देख लेते तो संभवतः उसे कहीं छुपा देते।
वह यह भी जानती थी, और उसने इसे भी बिना कोई सवाल किए स्वीकार कर लिया था।
अब उसकी एक पति की तलाश शुरू करने की योजना थी, एक ऐसा काम जिसके लिए उसकी माँ पहले ही सहायता का प्रस्ताव रख चुकी थी, क्योंकि दोनों ही ली महिलाएं जानती थीं कि परिवार के लिए कोई शर्मिंदगी का अवसर आने से पहले जितनी जल्दी से जल्दी हो सके, यह पूर्ण हो जाना चाहिए।
कुल मिला कर ली उस स्थान के अनुसार विशिष्ट परिवार था, और वे इसका खुशी खुशी निर्वहन कर रहे थे। भले ही उनके दोनों बच्चों ने बड़े शहर में भागने के सपने को पाला था, लेकिन वे स्थानीय अवरोधों के भीतर अपने जीवन के साथ आगे बढ़ रहे थे और उसे ही सही और उचित समझ रहे थे। समस्या यह थी कि सदियों से पहाड़ी लोक से बंधी महत्वाकांक्षा की कमी ने उन्हें काफी पीछे छोड़ दिया था, जो सरकार के लिए एक अच्छी बात थी, अन्यथा देश के सभी युवा बहुत पहले ही गाँव से ग़ायब हो कर बैंकॉक और वहां से विदेश चले गए होते, ताइवान और ओमान जैसे देश, जहां की बेहतर मजदूरी और कठोर सहकर्मी दबाव से मुक्ति आकर्षक थी।
हालांकि कई जवान लड़कियों ने बैंकॉक का दौरा किया था। उनमें से कुछ को शालीन नौकरी मिल गई थी, लेकिन कई का अंत बड़े शहरों के यौन उद्योग में जा कर हुआ था, जहां से कुछ को और आगे, यहाँ तक कि एशिया के बाहर भी भेज दिया जाता था। युवा लड़कियों को उस रास्ते पर ले जाने से रोकने के लिए इस बारे में कई डरावनी कहानियाँ प्रचलित थीं और उन्होंने डिन और उसकी माँ पर समान रूप से प्रभाव डाला था।
श्री ली को अपना जीवन पसंद था और अपने परिवार से प्यार था, हालांकि यह घर की सीमाओं के बाहर स्वीकार करने की चीज़ नहीं थी, और वह उन्हें किसी बीमारी के लिए खोना नहीं चाहता था जो कि उसमें तब बननी शुरू हुई होगी, जब वह अभी भी केवल एक बालक था।
बूढ़ा श्री ली (हालाँकि उसे पता था कि गाँव के कुछ कम सम्मान देने वाले युवा उसे बूढ़ा बकरा ली कहते थे) अपनी युवावस्था में एक आदर्शवादी था और उसने स्कूल से निकलते ही नॉर्थ वियतनाम की ओर से लड़ने के लिए अपना नाम दर्ज कराया था। वह ठीक लाओस के साथ लगी सीमा पर रहता था, जहां से उत्तरी वियतनाम बहुत दूर नहीं था, और वह उन बमों के बारे में जानता था जो अमेरिकियों ने वहां और लाओस पर गिराए थे और वह इसे रोकने के लिए अपनी शक्ति भर प्रयास करना चाहता था।
जैसे ही उन्होंने उसे सम्मिलित किया, वह साम्यवादी अभियान में शामिल हो गया था और युद्ध प्रशिक्षण के लिए वियतनाम चला गया था। जिन लोगों के साथ वह प्रशिक्षण ले रहा था, उनमें से कई उसके ही जैसे थे, चीनी मूल के, लेकिन विदेशी शक्तियों से तंग आकर अपने देशवासियों के भविष्य के लिए हस्तक्षेप करने को विवश। वह समझ नहीं पा रहा था कि हजारों मील दूर रहने वाले अमेरिकियों को परवाह क्यों थी कि दुनिया के उनके छोटे से हिस्से में सत्ता में कौन था। उसने कभी चिंता नहीं की थी कि वे किस राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
हालांकि, जैसा कि भाग्य में था, उसे कभी भी गुस्से में गोली चलाने का मौका नहीं मिला, क्योंकि प्रशिक्षण शिविर से बाहर आने के पहले ही दिन, जब उसे शिविर से लड़ाई के क्षेत्र में ले जाया जा रहा था, वह एक अमेरिकी बम के छर्रे की चपेट में आ गया था। उसके घाव बहुत दर्दनाक थे, लेकिन जानलेवा नहीं थे, हालांकि वे उसे अस्पताल से बाहर निकलने के बाद सेना से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त थे। उसे सबसे बड़ा टुकड़ा ऊपरी बाएँ पैर में लगा था, लेकिन कुछ छोटे-छोटे टुकड़े उसके पेट में भी लगे थे, जो अब उसे लग रहा था कि उसकी बेचैनी का स्रोत हो सकते थे। यह भी अफवाह थी कि उसे गोली मार दी गई थी।
वह एक खराब लंगड़ाहट और एक छोटा खेत खरीदने के लिए पर्याप्त मुआवजे के साथ घर लौटा था, लेकिन क्योंकि उसका पैर खराब हो गया था, इसलिए इसके बजाय उसने एक खेत और बकरियों का झुंड खरीदा था और उनका प्रजनन करा कर उन्हें बेचने लगा था। उसकी वापसी के एक साल के भीतर, उसका पैर उतना ही अच्छा हो गया, जितना कि वह पहले कभी था और उसने एक सुंदर स्थानीय लड़की से शादी कर ली थी, जिसे वह जानता था और अपने पूरे जीवन काल में उसका प्रशंसक रहा था। वह भी एक किसान पृष्ठभूमि से थी, और वह एक खुशहाल, लेकिन अल्प अस्तित्व में आकर बस गई।
तब से रविवार को छोड़कर, सप्ताह के हर दिन, श्री ली अपने झुंड को चराने के लिए ऊपरी ज़मीनों पर ले जाता था, और गर्मियों में, वह वहां अक्सर एक पड़ाव में रात गुजारता, जो उसने यहाँ वहाँ बना रखे थे, जिसे बनाना उसने सेना में सीखा था। वह उस समय को अच्छे दिनों की तरह उदासी के साथ याद करता था, जैसे खुशहाल दिन, हालाँकि उस समय उसने उन्हें ऐसा नहीं समझा होगा।
पहाड़ों में केवल पुरुषों को छोड़कर और कोई भी शिकारी नहीं था, क्योंकि सभी बाघों को चीनी दवा उद्योग में उपयोग के लिए बहुत पहले ही मार दिया गया था। श्री ली की उस बारे में मिश्रित भावनाएँ थीं। एक ओर वह जानता था कि यह एक शर्म की बात है, लेकिन दूसरी तरफ वह हर रात अपनी बकरियों को बाघों के झपट्टे से बचाने का इच्छुक नहीं था। अब हफ्ता पंद्रह दिन से बीमारी ने उसे घर बैठा दिया था, लेकिन वह लगभग तीस वर्षों तक एक चरवाहा रहा था, इसलिए वह पहाड़ों को उतनी ही अच्छी तरह जानता था, जितनी अच्छी तरह ज्यादातर लोग अपने स्थानीय पार्क को जानते थे।
वह जानता था कि बारूदी सुरंगों और कुचला सत, जो सत्तर के दशक में अमेरिकियों ने वहाँ गिराए थे, से बचने के लिए किस क्षेत्र से बच कर निकला जाए, और वह जानता था कि किन क्षेत्रों को साफ किया जा चुका था, हालांकि सैपर से एक या दो स्थान चूक गए थे, जिनमें से एक उसकी बकरियों ने अभी केवल महीना भर पहले ही खोजा था। यह उसके लिए शर्म की बात थी, हालांकि उसका मृत शरीर बेकार नहीं गया था और उसका अंत जल्दी ही आ गया था, जब एक लुढ़कते हुए पत्थर ने एक बारूदी सुरंग को ट्रिगर किया था और आकाश की ओर उड़ा दिया था, जिसके साथ उसका सिर भी साफ हो गया था।
उसके शव को घर ले जाने के लिए दूरी काफी अधिक थी, इसलिए श्री ली ने कुछ दिन पहाड़ों में उसको खाते हुए बिताए, जबकि उनका परिवार खेत में उनके बारे में चिंतित था।
श्री ली एक संतुष्ट व्यक्ति थे। उन्होंने अपने काम और बाहरी जीवन का आनंद लिया, और उन्होंने लंबे समय तक इस तथ्य के साथ सामंजस्य बिठाया कि वह कभी अमीर नहीं होंगे या फिर कभी विदेश नहीं जाएंगे। इस कारण से, वह और उसकी पत्नी अब केवल दो बच्चे होने से खुश थे। वह उन दोनों को समान रूप से प्यार करता था और उनके अच्छे भविष्य की कामना करता था, लेकिन वह इस बात से भी खुश था कि उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था जिससे वे खेत पर पूरा समय काम कर सकते थे, जहां उनकी पत्नी जड़ी-बूटियां और सब्जियां उगाती थी और तीन सूअर और कुछ दर्जन मुर्गियां रखे थी।
श्री ली सोचते थे कि अतिरिक्त मदद से वह अपने खेत का कितना विस्तार कर सकते हैं। शायद वे एक दर्जन और मुर्गियों, कुछ अतिरिक्त सूअरों और शायद मीठे भुट्टे के खेत उगा सकते थे।
वह अपनी दिवास्वप्न से जाग गया, “क्या होगा अगर यह कोई गंभीर बात हुई, मॅड?” मैंने पहले इसका उल्लेख नहीं किया था, लेकिन मैं इस सप्ताह दो बार बेहोश हुआ और दो या तीन बार इसके पास आया।”
“तुमने मुझे यह पहले क्यों नहीं बताया?”
“बस, तुम जानती हो, मैं नहीं चाहता था कि तुम चिंता करो और तुम इसके बारे में कुछ कर भी नहीं सकती, है ना?”
“नहीं, व्यक्तिगत रूप से नहीं, लेकिन मैं तुमको पहले तुम्हारी बुआ के पास ले गई थी और शायद तुमको एक मेडिकल डॉक्टर को दिखाने की कोशिश करती।”
“अ, तुम मुझे जानती हो, मॅड। मैंने कहूँगा, इतने सारे पैसे खर्च करने से पहले, चलो इंतजार करते हैं कि बुआ क्या कहती है। मुझे मानना होगा कि मुझे कभी-कभी बेहद अजीब महसूस होता है और मैं इस बात से थोड़ा डर गया हूं कि बुआ कल क्या कहेंगी।”
“हाँ, मैं भी। क्या तुम सच में इतना बुरा महसूस करते हो?”
“कभी-कभी, लेकिन मुझमें अब कोई ऊर्जा बाक़ी नहीं बची है। मैं बकरियों के साथ दौड़ने और कूदने में सक्षम हुआ करता था, लेकिन अब मैं बस उन्हें देखने से भी थक जाता हूं!
“कुछ तो है, मुझे यकीन है।”
“देखो, पा,” जो उसका अकल्पनीय प्यार का नाम था, जिसका मतलब थाई में ‘डैड’ था, “बच्चे गेट पर हैं। क्या तुम उन्हें अभी यह बताना चाहते हो?”
“नहीं, तुम सही हो, उन्हें अभी से चिंता में क्यों डालें, लेकिन मुझे लगता है कि बुआ मेरे लिए कल दोपहर को बुलावा भेजेगी, इसलिए उन्हें बता दो कि हम चाय के समय एक पारिवारिक बैठक कर रहे हैं और उन्हें वहाँ रहना होगा।”
मुझे लगता है कि मुझे बिस्तर पर जाना चाहिए, मुझे फिर से थकान महसूस हो रही है। बुआ के थूक ने मुझे कुछ समय के लिए राहत दी थी, लेकिन इसको काफी समय हो गया। उन्हें बता दो कि मैं ठीक हूँ, लेकिन डेन से कहो कि कल मेरी खातिर बकरियों को बाहर ले जाए, क्या तुम कह दोगी? उसे उन्हें ज़्यादा दूर ले जाने की आवश्यकता नहीं है, केवल नीचे धारा के पास तक, ताकि वे नदी के कुछ शैवाल खा सकें और पानी पी सकें….. इससे एक या दो दिन तक उन्हें तकलीफ नहीं होगी।
जब तुम्हें दस मिनट का समय मिले तो क्या तुम मेरे लिए अपनी विशेष चाय बना दोगी, प्लीज़? वही अदरक, सौंफ और बाक़ी…..वह मुझे थोड़ी ताकत देगी…. ओह, और कुछ खरबूजे या सूरजमुखी के बीज….शायद तुम डिन से उन्हें मेरे लिए कूटने को कह सकती हो?
“एक मग सूप के बारे में क्या खयाल है? यह तुम्हें पसंद है…..”
“हाँ ठीक है, लेकिन अगर मैं सो जाऊँ तो बस इसे मेज़ पर रख देना और मैं इसे बाद में ठंडा पी लूँगा।”
“हैलो बच्चों, आज मैं जल्दी सोने जा रहा हूँ, लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम चिंता करो, मैं ठीक हूँ। तुम्हारी माँ तुम्हें सारा विवरण बता देगी। मुझे लगता है, मुझे बस किसी तरह का संक्रमण हो गया है। सब को शुभ रात्रि”
शुभ रात्रि पा, उन सबने जवाब दिया। डिन विशेष रूप से चिंतित दिखी क्योंकि उन्होंने पहले बेचैनी से श्री ली के पीछे हटने को और फिर एक दूसरे को देखा।
जब श्री ली शांत अंधेरे में वहां पड़े थे, उन्होंने महसूस किया कि उनके बगल और भी अधिक धड़क रहे हैं, जैसे कि एक सड़ा हुआ दांत हमेशा रात में बिस्तर पर अधिक परेशान करने लगता है, लेकिन वह इतना थका हुआ था कि इससे पहले कि उसके लिए चाय, सूप और बीज लाए जाते, वह सो चुका था।
बाहर, बड़ी मेज पर, हल्की रोशनी में, शेष छोटे परिवार ने श्री ली की अवस्था पर कर्कश स्वरों में चर्चा की, यह एक तथ्य था कि अगर वे ज़ोर से भी बोलते तो भी कोई उन्हें सुन नहीं पाता।
“क्या पा मरने वाले हैं, माँ?” डिन ने लगभग आँसू भर के पूछा।
“नहीं, प्रिय, बिल्कुल नहीं,” उसने जवाब दिया, “कम से कम… मुझे ऐसा नहीं लगता।”
1 2 ली परिवार की असमंजस
एकदम गाँव के ढंग से हर कोई मकान के अंदर मौजूद एकमात्र कमरे में एकसाथ सोया: माँ और डैडी का दोहरा गद्दा था, बच्चों में से प्रत्येक के पास इकहरा गद्दा था और तीनों बिस्तरों को उनकी अपनी अपनी मच्छरदानियों द्वारा अलग किया जाता था, इसलिए जब वे दिन के उजाले में उठे, तो सभी पाँव दबा कर चले, ताकि हेंग जाग न जाए।